Monday, November 9, 2020

सोचा नहीं था ख्याल तेरा आएगा

 पलटते हुए माज़ी के पन्नो को 

सोचा नहीं था ख्याल तेरा आएगा 

भूल चूका था जिसको कभी 

एक बार फिर रूबरू हो जायेगा 


बैठकर यारों के बीच !

सोचा नहीं था जिक्र तेरा आएगा 

भूल चूका था जिस नाम को कभी 

एक बार फिर याद वो आ जायेगा 


झुकते हुए सजदे पे कभी 

सोचा न था चेहरा तेरा आएगा 

फ़रियाद की थी जिसे भूलने कि कभी 

एक बार फिर उसका दीदार हो जायेगा 

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