पलटते हुए माज़ी के पन्नो को
सोचा नहीं था ख्याल तेरा आएगा
भूल चूका था जिसको कभी
एक बार फिर रूबरू हो जायेगा
बैठकर यारों के बीच !
सोचा नहीं था जिक्र तेरा आएगा
भूल चूका था जिस नाम को कभी
एक बार फिर याद वो आ जायेगा
झुकते हुए सजदे पे कभी
सोचा न था चेहरा तेरा आएगा
फ़रियाद की थी जिसे भूलने कि कभी
एक बार फिर उसका दीदार हो जायेगा
Great....
ReplyDeleteWah
ReplyDeleteAwesome lines
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