Saturday, November 7, 2020

ख़यालों की दस्तक

रिश्ता कुछ अजीब है खयालो का मुझसे इस कदर देते हैं दस्तक मुझे तन्हाइयों में देखकर बेशक मुझे मंजूर नहीं रोक लूँ खयालो को और रोकना भी उनको मेरे इख्तियार में नहीं नायाब इन खयालो को संजोता हूँ में अपने पास जो आके दिला जाते है जीने का इक अहसास



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इश्क़ है मुझे तुझसे ऐ जिंदगी

इश्क़ है मुझे तुझसे ऐ जिंदगी  कम है तू किसी से रश्क के लिए  ना दे रब मुझे दौलत या शोहरत सुकूने जिंदगी चाहिए मुझे अपने लिए  क्या मांगू किसी की...