Tuesday, November 10, 2020

इश्क़ है मुझे तुझसे ऐ जिंदगी

इश्क़ है मुझे तुझसे ऐ जिंदगी 

कम है तू किसी से रश्क के लिए 

ना दे रब मुझे दौलत या शोहरत

सुकूने जिंदगी चाहिए मुझे अपने लिए 


क्या मांगू किसी की जिंदगी 

हालाते खूब देखकर 

जब अलग है मंजिल भी  

और जिंदगी का सफर भी


रह खुश उसी में जो मिला है रब से

क्या गम उसका जो मिला ही न हो 

रोता है तू देखकर हाथो की लकीरो को 

क्या रोये वो जिनके  हाथ ही ना हो 



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इश्क़ है मुझे तुझसे ऐ जिंदगी

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